क्या आपने कभी सोचा है कि गुस्सा कई बार बिना वजह भी दिल और दिमाग को घेर लेता है? 😔 छोटी-छोटी बातों पर तकरार हो जाना और उस पल दिल की सारी बातें बिखर जाना—यही तो हकीकत है बेवजह गुस्सा शायरी की। यह सिर्फ शब्दों का खेल नहीं बल्कि उन अनकहे जज़्बातों की आवाज़ है, जो हम सबके दिल के बेहद करीब हैं।
Life Shayari Read पर हम हर रोज़ आपके लिए चुनिंदा, दिल छू जाने वाली और रियल-लाइफ़ फीलिंग्स को दर्शाने वाली शायरियाँ लाते हैं।
बेवजह गुस्सा शायरी | गुस्सा शायरी
दिल में कोई खलिश थी, जो अब गुस्से में बदल गई,
जो कभी साथ थे हम, वो अब दूर नजर आने लगे।
बेवजह गुस्सा कर बैठी, दिल में कसक छिपी रही,
फिर भी तुमसे प्यार था, यही तन्हाई कहती रही।
हर बात पर गुस्सा आता है, दिल तन्हा सा हो जाता है,
मुझे नहीं पता, क्यों ये दिल इतना रोता है।
गुस्से में आकर शब्दों का वजूद खो बैठते हैं,
लेकिन फिर भी दिल में तुम हर वक्त रहते हैं।
कभी प्यार से कहा था, कभी गुस्से से जवाब मिला,
अब ये तकरार नहीं रहती, बस खामोशी का आलम है।
गुस्से में शब्द तलवारों की तरह निकलते हैं,
लेकिन दिल के अंदर वही प्यार हमेशा पलते हैं।
बेवजह गुस्सा, ऐसा क्या हुआ था,
दिल की हर बात, अब क्यों अनसुनी हो गई थी।
गुस्से का नहीं कोई वास्ता होता,
कभी प्यार में भी रंज हो जाता है।
गुस्सा एक आग की तरह, जो खुद को भी जला देता है,
दिल में क्या है, कोई नहीं समझ पाता है।
तुमसे प्यार था, फिर भी गुस्से में तुमसे दूर हो गए,
दिल में तुम हो, बस शब्द अब फीके हो गए।
बेवजह गुस्से में बात नहीं बन पाई,
मालूम नहीं था कि दिल के पास कुछ खो भी जाए।
गुस्से से कुछ भी नहीं मिलता,
मगर दिल में हमेशा तुम रहते हो।
खामोशी ने गुस्से को समझाया था,
कि रिश्ते फिर से कभी नहीं सुधरते।
बेवजह गुस्सा, दिल में दर्द का इशारा था,
फिर भी दिल ने कहा, तुमसे कोई शिकवा नहीं था।
हर गुस्सा कुछ छुपा लेता है,
क्या तुम समझ पाते हो इस भावनाओं के अंदर क्या होता है?
गुस्से से हुई दूरियां, कभी नहीं खत्म होतीं,
लेकिन फिर भी दिल में तुम की तस्वीरें रोशनी होतीं।
गुस्से में सब कुछ बदल जाता है,
लेकिन दिल का प्यार कभी नहीं कम होता।
गुस्से की आंधी में तुमसे दूर हो गया,
लेकिन दिल की शांति में फिर तुमसे वापस जुड़ गया।
बेवजह गुस्से ने दूरी बनाई,
लेकिन दिल ने कहा था, कभी दूर नहीं हो सकते।
गुस्सा खुद से भी नहीं कम हो पाता,
लेकिन दिल का दर्द हमें हमेशा साथ होता है।
गुस्से में शब्दों ने अपना असर दिखाया था,
पर दिल की चुप्प ने फिर तुमसे प्यार जताया था।
गुस्से की लहरें कुछ देर होती हैं,
लेकिन दिल का दर्द हमेशा हमारे साथ रहता है।
गुस्से से दिल की चाहत छिपा दी थी,
अब भी तुमसे ज्यादा कुछ चाहा नहीं था।
गुस्से में दूरी का अहसास हुआ था,
फिर भी प्यार से रिश्ते जुड़े थे।
गुस्सा होने पर भी तुमसे दूर नहीं हो सकते,
दिल में तुम हो, इसी सच से नहीं मोड़ सकते।
कभी प्यार से, कभी गुस्से से, शब्द बिगड़ जाते हैं,
लेकिन दिल की चुप्प में तुम हमेशा रहते हो।
गुस्से की एक धारा, जो अब धीरे-धीरे खत्म होती है,
दिल के अंदर वही प्यार और विश्वास फिर से बनता है।
गुस्से में कहे गए शब्द चुभ जाते हैं,
पर दिल से निकलते हैं वही प्यार के भाव।
गुस्से के बाद सिर्फ खामोशी होती है,
लेकिन दिल में तुम हमेशा रहते हो।
गुस्से में बढ़ी हुई दूरियां सच्ची नहीं होतीं,
फिर भी दिल के अंदर तुमसे मोहब्बत कभी कम नहीं होती।
तो दोस्तों! उम्मीद है कि इस बेवजह गुस्सा शायरी ने आपके दिल को छू तो लिया होगा और साथ ही आपकी भावनाओं को भी आवाज़ दी होगी। कभी-कभी अल्फ़ाज़ वही बयां कर देते हैं, जो हम बोल नहीं पाते, और यही है शायरी का असली जादू।
तो अब देर किस बात की?
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