कभी दिल के जज्बात लफ़्ज़ों में ढल जाएं तो वो शायरी कहलाती है, और जब उन लफ़्ज़ों को Munawar Faruqui जैसी Shayari से रंग दिया जाए तो हर दिल तक उनकी गूंज पहुँची जाती है।
ये शायरी खास तौर पर उन लोगों के लिए है जो munawar faruqui shayari पढ़ना और महसूस करना चाहते हैं।
Munawar Faruqui Shayari | Munawar Faruqui Shayari on Love
टूटने से इनकी खविश होती पूरी
सही कहते है में सितारा बन गया हूँ !!
रुसवा तो तू भी कर दूं. लेकिन बाकी मुझे अभी भी याद है
पूरा शहर मेरा मुरीद. बस तेरा मोहल्ला मेरे खिलाफ है..
बता दो बाजार कोई, जहां वफ़ा मिले
यहां में बेचू खुशी और गम साला नफा मिले!!
तुम ज़िद करके बैठे हो मेरा नाम नही लोगों
फिर यूं याद करके हिचकियाँ क्यों दे रहे हो !!
कुछ रास्ता लिख देगा, कुछ में लिख दूंगा
तुम लिखते जाओ मुस्किले , में मंज़िल लिख दूंगा !!
धूप चूब रही है मा
काश तेरा साया होता !!
दफन है मुझमे कितने गम न पूछो
बुझ बुझ के जो रोशन रहा वो मुनावर हूँ में !!
हर जगह बड़े मायूस से चेहरे नजर आ रहे है
लगता है अब उसने सजना सवरना बैंड कर दिया है !!
कहना शायद मुश्किल होगा, मुझहे कितना चाहता हूँ,
तुझे आने वाली हिचकियों के लिए माफी चाहता हूँ!!
फल ही इतने लगे हुए थे इस पेड़ पे
लोगों का पत्थर मरना लाजमी था !!
तेरा काम जलाना सही, मेरा काम बुझाना रहेगा
तुझमे और मुझमे फर्क है छोटे, वो हमेशा रहेगा!!
बादशाहो को सीखाया गया है कलंदर होना,
आप आसान समझते है मुनावर होना !!
वो झूठे वादे करते है, मगर मिलने नही आते ,
हम भी कम्बख़त इश्क़ से बाज नही आते !!
वो गुमनामि में जी रहे है खुदकी वफ़ा की
जिन्हें बस मेरी कोई याद मत दिलाना !!
बाजारों में रौनक लौट आई है
लगता है वो बेपर्दा बाजार आई है !!
मेरा ख्वाब जागेगा मेरी नींद भरि आंखों में
आंख लगे तो थाम लेना साथ मेरा !!
न कभी देखता आगे क्या मुसीबत है
मेरे पीछे काफिले है चलते दुआओके !!
वो था तूफान जो दस्तक देकर आया था
अकेला था लगा था लश्कर लेकर आया था
वो पूछोगे किसकी है ये लोहे जैसी लेगेसी
कहना वो डोंगरी वाला आग लेकर आया था !!
हर जगह बड़े मायूस से चेहरे नजर आ रहे हैं,
लगता है अब उसने सजना बंद कर दिया है।
आसान सा कुछ करना होता तो पहाड़ तोड़ लेते,
हम तो कमबख्त इश्क करना था।
दफन है मुझमें कितने गम न पूछो
बुझ-बुझ के जो रोशन रहा, वो मुनावर हूं में!!
आंखों का सुकून तो, किसी के दिल की ठंडक हो गया,
एहसास न हुआ मुझे, मैं तो पिघलता हुआ बर्फ हो गया
बादशाहो को सीखाया गया है कलंदर होना,
आप आसान समझते है मुनावर होना!!
मेरे मसले मेरी समझ से बाहर हैं,
मेरी ख्वाबों से दोस्ती, तो नींद से दुश्मनी है!
सिरहाना खाली मुझे, याद तेरी आ रही है
भूख मर चुकी है, फिक्र तेरी खा रही है।
हंसा कर चेहरों को खूब रोशन किया है मैंने,
मेरे अंदर के अंधेरे, मुझसे बड़ी शिकायतें करते हैं।
बाजारों में रौनक लौट आई है
लगता है वो बेपर्दा बाजार आई है !!
मौत मुकम्मल मैं डरने वाला नहीं हूं, हक है मैं लड़ने वाला नहीं हूं
तालियों से जब मैं भर न दू स्टेडियम, कसम खुदा की मैं मरने वाला नहीं हूं!
कितनी गफलत में जिंदगी, गुजार रहा हूं मत पूछो
चराग ढूंढ रहा हूं, हाथों में अंधेरा लिए…
तो बस, दोस्तों! उम्मीद है कि इस पोस्ट में दी गई munawar faruqui shayari ने आपके दिल को छुआ होगा और आपको भी उतनी ही पसंद आई होगी जितनी हमें इन्हें आपके लिए लाने में आई। 💖
यहाँ पर आपको हर एहसास से जुड़ी शायरी पढ़ने को मिली —
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कभी हंसी के रंगों से सजी 🕊️
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कभी दर्द की गहराई लिए हुए 🌑
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और कभी मोहब्बत की खुशबू से रची-बसी 🌹
आख़िरकार, शायरी सिर्फ़ लफ़्ज़ नहीं होती, बल्कि वो जज़्बात होते हैं जिन्हें शब्दों में ढालना ज़रूरी है। और यही जज़्बात आपको Munawar Faruqui Shayari के हर एक अल्फ़ाज़ में महसूस होंगे।
||शायरी प्रिय लोगो के लिए विशेष संग्रह सिर्फ Love Shayari Path पर, अपनी एक नज़र ज़रूर डालें ||